Episode 19

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पहाड़ों की ऊँची चोटियों पर ठंडी हवा तेज़ी से बह रही थी। शिकारी दल—काशिश, वंशिता और कुछ अन्य—चट्टानों के पीछे छिपे हुए थे, उनकी नज़रें शैतानों के छोटे दल पर टिकी थीं। माया अपने साथियों के साथ एक गहरी खाई के पास खड़ी थी, उसकी आँखें लाल चमक रही थीं। "भोसड़ी के, ये शिकारी यहाँ तक कैसे पहुँच गए?" उसने गुस्से से कहा और अपने हाथ में पकड़े हुए चाकू को कसकर भींच लिया।

तभी काशिश ने एक इशारा किया, और शिकारी दल ने हमला बोल दिया। वंशिता ने एक धातु की जंजीर फेंकी, जो माया के एक साथी के गले में फँस गई। "साले, अब भागकर दिखा!" वंशिता चिल्लाई और जंजीर को खींचकर उसे ज़मीन पर गिरा दिया। माया ने तेज़ी से काशिश की ओर छलाँग लगाई और चाकू से वार किया, लेकिन काशिश ने फुर्ती से बचते हुए माया के हाथ को मरोड़ दिया। "साली, बहुत उछल रही है!" काशिश ने दाँत पीसते हुए कहा और माया को घुटनों पर ला दिया।

माया ने पूरी ताकत से लड़ाई की, लेकिन काशिश और वंशिता की जोड़ी उसके लिए भारी पड़ गई। शिकारियों ने शैतानों को एक-एक करके जंजीरों से बाँध दिया। माया की साँसें तेज़ थीं, और उसका चेहरा खून से सना हुआ था। "हरामज़ादों, तुम सबकी माँ चोद दूँगी!" उसने चीखते हुए कहा, लेकिन उसकी आवाज़ अब कमज़ोर पड़ रही थी।

तभी शिकारियों ने पास ही एक पुरानी गुफा में कुछ सुराग ढूँढे। वहाँ पत्थरों पर खून के धब्बे और एक टूटा हुआ हार मिला, जिसके बीच में नीले पत्थर की जगह खाली थी। काशिश ने हार को उठाया और वंशिता की ओर देखा। "ये क्या मादरचोदी है? नीला पत्थर यहाँ नहीं है।" वंशिता ने गुफा की दीवार पर लिखे कुछ पुराने निशानों को पढ़ा और चौंक गई। "विक्रम... वो तो कई साल पहले मर गया था। ये उसकी कब्र थी।"

शिकारी दल में सन्नाटा छा गया। "तो पत्थर कहाँ है?" काशिश ने गुस्से से पूछा। किसी को जवाब नहीं पता था। तभी माया ने मौके का फायदा उठाया। उसने अपनी जंजीरों को एक चट्टान से टकराकर ढीला किया और अपने साथियों को इशारा किया। "भागो, बहनचोदों!" वो चिल्लाई, और शैतान तेज़ी से अंधेरे में गायब हो गए। काशिश ने पीछा करने की कोशिश की, लेकिन वंशिता ने उसे रोक लिया। "छोड़, साली। पत्थर नहीं मिला, अब एलन को बताना होगा।"

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